नोट निकलते ही बंद कर देते थे एटीएम ताकि डेबिट रिकाॅर्ड न हाे, बैंक में शिकायत कर-कर के ठगे Rs.98000

अब तक एटीएम कार्ड से धाेखाधड़ी के मामले सामने आ रहे थे लेकिन अब शहर में एटीएम मशीन की तकनीकी खामी का गलत उपयाेग कर धाेखाधड़ी करने वाला गिराेह भी सक्रिय हाे गया है। दुर्गा नर्सरी राेड एसबीअाई ब्रांच मैनेजर अारती वर्मा ने इसी प्रकार की बैंक के साथ हुई 98 हजार रुपए की धाेखाधड़ी का भूपालपुरा थाने में मंगलवार काे मुकदमा दर्ज कराया। थानाधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि मामले के दाे अाराेपी हरियाणा के नुहू जिला के पुन्हावा निवासी एजाज पुत्र जाकीर हुसैन अाैर हरियाणा के पलवल जिले के हाेडल निवासी ताेहिद पुत्र अामीन काे गिरफ्तार किया है जिनसे 11 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। इसमें 4-5 अन्य युवक भी हाे सकते हैं। गिराेह के सदस्य एसबीअाई एटीएम से जैसे ही राशि निकालते, उसी समय मशीन को बंद कर देते थे। इससे बैंक के पास डेबिट राशि का रिकाॅर्ड नहीं हाेता था। फिर शिकायत कर राशि वापस प्राप्त कर लेते थे। राशि नहीं निकलने की शिकायत ज्यादा मिलने पर बैंक मैनेजर ने मुकदमा दर्ज कराया था।

बैंक मैनेजर ने दी थी शिकायत : कोई गिरोह एटीएम से छेड़छाड़ कर बैंक को लगा रहा चूना

उदयपुर. एटीएम से छेड़छाड़ कर धाेखाधड़ी करने वाले अाराेपी

बैंक मैनेजर अारती वर्मा ने रिपाेर्ट में बताया था कि ब्रांच की एटीएम मशीन से किन्हीं लाेगाें ने छेड़छाड़ कर अवैध राशि निकाली है। कोई गिराेह है जाे अन्य बैंक के 10-15 कार्ड रखते हैं अाैर एसबीअाई काे ही निशाना बनाते हैं। एटीएम रूम में प्रवेश करने के साथ कैमरे पर हाथ रख देते हैं। इसके बाद एक बार में 10 हजार रुपए निकालते हैं। जैसे ही राशि बाहर अाती है उसी समय तुरंत मशीन काे बंद कर देते हैं जिससे प्राेसेस रुक जाती है। इसके बाद वह अन्य बैंक काे शिकायत करते कि खाते से राशि कटी लेकिन प्राप्त नहीं हुई। इसके बाद संबंधित बैंक एसबीअाई काे शिकायत भेजता। एसबीअाई काे राशि का भुगतान करना पड़ता था। इसी प्रकार 98 हजार रुपए का भुगतान किया जा चुका है। पुलिस जांच अाैर पूछताछ में सामने अाया कि एक बार में गिराेह के दाे व्यक्ति एटीएम रूम में प्रवेश करते हैं, अन्य बाहर खड़े निगरानी रखते। एक राशि निकालता है अाैर दूसरा एटीएम मशीन के मुख्य बटन के पास रहता है। पहला प्राेसेस कर खाते से राशि निकाल लेता है। जैसे ही राशि बाहर अाती है, दूसरा व्यक्ति मशीन काे बंद कर देता है जिससे राशि निकलने की प्राेसेस रुक जाती। 10-15 मिनट बाद फिर से मशीन काे चालू कर देते थे।

बैलेंस कट गया पर राशि निकली नहीं तो शिकायत करने पर 7 दिन में रिफंड करने होते हैं पैसे

पुलिस जांच में सामने अाया कि जैसे ही एटीएम मशीन काे बंद करते हैं ताे यह पता चलता है कि मशीन से राशि निकली है। मशीन यह रिकाॅर्ड नहीं कर पाती है कि किस बैंक के किस खाताधारक के खाते से राशि निकली है, यानी डेबिट रिकाॅर्ड नहीं हाेता। इसके बाद जब अन्य बैंक पूरी डिटेल के साथ अपने खाताधारक की शिकायत भेजते हैं कि खाते से राशि कटी लेकिन नगदी प्राप्त नहीं हुई। नियम के अनुसार बैंक काे 7 दिन के अंदर राशि काे लाैटाना पड़ता है। बैंक इस राशि काे लाैटाता है। जब ज्यादा शिकायतें अाई ताे बैंक ने जांच की जिसमें धाेखाधड़ी पकड़ में अाई।

आरोपी अपनी पहचान वालाें से भाड़े पर लाते थे एटीएम कार्ड ताकि इंक्वायरी में नहीं फंसे

एटीएम से राशि प्राप्त नहीं हाेने की शिकायत करने पर संबंधित बैंक खाताधारक की पूरी जानकारी मांगता है। जानकारी नहीं देने पर बैंक शिकायत अागे नहीं बढ़ती। इस इंक्वायरी में न फंसे इसलिए गिराेह के ठग एेसे व्यक्ति से एटीएम कार्ड मांगकर लाते थे जिसके बारे में ठगाें काे पूरी जानकारी हाे। यह अाैर काेई नहीं, ठगाें के परिचित ही हाेते हैं। कार्ड के बदले ठग कार्डधारक काे 5-10 हजार रुपए हर माह किराया भी देते थे। इसी कारण जैसे ही बैंक शिकायत की इंक्वायरी की जानकारी मांगती ताे ठग पूरी बता देते थे। इसके बाद बैंक संबंधित एटीएम के बैंक काे शिकायत भेजता।


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